शनिवार, 21 अगस्त 2010

ब्‍लॉग-चर्चा : कस्‍बे में बसे रवीश कुमार

ब्‍लॉग-चर्चा में इस बार रवीश कुमार का ब्‍लॉग - 'कस्‍बा'



मनीषा पांडेय

Ravish Kumar
PR
ब्‍लॉग चर्चा का सफर जारी है और इस सफर में हमारे साथ नए-नए हमराह जुड़ते जा रहे हैं। इस बार हमारी यह यात्रा जाकर रुकी है, रवीश के कस्‍बे में। कस्‍बे में कुछ देर रुके, ठहरें, कस्‍बे की बसाहट का जायजा लें, उस पर कुछ बतियाएँ और फिर आगे बढ़ें, अगले पड़ाव की ओर। सो इस बार - रवीश कुमार का ‘कस्‍ब

रवीश एन.डी.टी.वी. इंडिया के जाने-माने रिपोर्टर हैं और अपनी खास तरह की बेबाक और सधी हुई रिपोर्टों के लिए जाने जाते हैं। अभी हाल ही में उन्‍हें बेहतरीन रिपोर्टिंग के लिए प्रतिष्ठित रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से सम्‍मानित किया गया है। रवीश ने जब कस्‍बा नाम से अपना ब्‍लॉग शुरू किया तो उनकी रिपोर्टों के प्रशंसकों को कुछ अच्‍छा पढ़ने का एक और माध्‍यम मिल गया।

आते ही रवीश ने शहरों और कस्‍बों के रोमांस पर एक बहस छेड़ दी :

‘कस्‍बे ठगे गये बेवकूफ किस्म की जगह से ज़्यादा नहीं। इसीलिए बड़े शहर के लोग कस्बों के लोगों को बेवकूफ समझते हैं। उन्हें एक तरह से सेकेंड हैंड माल का थर्ड हैंड उपभोक्ता समझते हैं। साहित्य न होता तो कस्बों की बात ही नहीं होती। मगर समस्या वही कि इतना रोमांटिक कर दिया गया कि कस्बे तमाम तरह की बुराइयों से दूर स्वर्ग जाने के रास्ते में हाल्ट की तरह लगते हैं


ब्‍लॉग चर्चा का सफर जारी है और इस सफर में हमारे साथ नए-नए हमराह जुड़ते जा रहे हैं। इस बार हमारी यह यात्रा जाकर रुकी है, रवीश के कस्‍बे में। कस्‍बे में कुछ देर रुके, ठहरें, कस्‍बे की बसाहट का जायजा लें, उस पर कुछ बतियाएँ और फिर आगे बढ़ें.....

यह एक खास किस्‍म की बेबाकी से बहुत सपाट, लेकिन उतने ही मारक तरीके से अपनी बात कहने की शुरुआत थी। फिर रवीश पर ब्‍लॉगमुग्‍धता का भी बुखार चढ़ा

खैर, रवीश को ब्‍लॉग शुरू किए अभी ज्‍यादा वक्‍त नहीं गुजरा है। वे अब लगभग डेढ़ सौ पोस्‍ट लिख चुके हैं और हर पोस्‍ट उनकी उसी बेबाकी और स्‍पष्‍टवादिता का बेहतरीन उदाहरण है। रवीश चाहे प्रेमचंद पर संस्‍मरण लिखें, लिज हर्ले की शादी में न बुलाए जाने का दुख प्रकट करें या शकीरा की कमर को उत्‍तरायण से दक्षिणायन होते देखें, हर जगह वह पैनी नजर काम कर रही होती है, जो ऊपरी सतह पर दिखती चीजों को कुरेदकर भीतर से कुछ और निकाल लाती है, और बहुत विश्‍वसनीय और तार्किक ढंग से उसे आपके सामने पेश करती है

चुनावी रिपोर्टिंग के दौरान लिखी गई पोस्‍टें भी बहुत बेहतरीन हैं। कस्‍बे की लोकप्रियता का अंदाजा इस पर आने वाली प्रतिक्रियाओं से ही लगाया जा सकता है। कस्‍बे में फ्रिज पर लिखे गए संस्‍मरण - ‘फ्रिज अनंत फ्रिज कथा अनंत’ काफी रोचक था। खुद रवीश की भी पसंदीदा पोस्‍ट फ्रिज-कथा ही है। वे लिखते हैं -
एक दिन एक ऐसे रिश्तेदार का आना हुआ, जिनके पास कई साल से फ्रिज़ था। उन्होंने फ्रिज़ खोल दिया। उसमें सिर्फ बोतल भरी थी। बर्तन-कटोरे में पानी था। वो हँसने लगे। बोले, आप लोगों को फ्रिज़ में क्या रखा जाता है, यही नहीं मालूम। उन्हें हम पर हँसने की आदत थी। सो बुरा लगा। फ्रिज़ का नहीं होना एक सामाजिक-आर्थिक अंतर था, मगर फ्रिज़ में किसी चीज़ का नहीं होना अलग सामाजिक आर्थिक अंतर। फ्रिज के खालीपन ने हमारी हैसियत एक बार फिर तय कर दी। या गिरा दी। हम सब आहत थे। ताजा खाना खाने वाले हम सब फ्रिज़ की गोद भऱने के लिए कुछ-कुछ बचाने लगे

हिंदी ब्‍लॉगों की दुनिया का निरंतर विस्‍तार हो रहा है। नए-नए लोग जुड़ रहे हैं और बहुत कुछ लिखा जा रहा है। रवीश इन सबको लेकर काफी उत्‍साहित हैं। उनका मानना है कि आधुनिक तकनीक ने हमें एक बहुत शानदार माध्‍यम प्रदान किया है, और इसका इस्‍तेमाल बड़े पैमाने पर लोगों तक अपनी बात पहुँचाने और कुछ सार्थक बहसों और विमर्शों का सूत्रपात करने के लिए किया जाना चाहिए।

रवीश कहते हैं कि ब्‍लॉग में आपके ऊपर कोई सेंसरशिप नहीं होती, कोई आपके लिखे में काट-छाँट नहीं करता। आप खुद ही अपने मालिक हैं, अपने संपादक हैं। आपको कोई आदेशित करने वाला नहीं कि ये करो, वो न करो। किसी की जी-हुजूरी की जरूरत नहीं। इस स्‍पेस में आप बिल्‍कुल आजाद हैं, अपने तरीके से जीने के लिए।

हिंदी ब्‍लॉगों की दुनिया का निरंतर विस्‍तार हो रहा है। नए-नए लोग जुड़ रहे हैं और बहुत कुछ लिखा जा रहा है। रवीश इन सबको लेकर काफी उत्‍साहित हैं। उनका मानना है कि आधुनिक तकनीक ने हमें एक बहुत शानदार माध्‍यम प्रदान किया है।



ब्‍लॉगिंग को लेकर रवीश का जोश देखते बनता है। उनका मानना है ब्‍लॉगिंग के माध्‍यम से हिंदी भाषा का विस्‍तार होगा और हिंदी में नए अच्‍छे लेखक भी पैदा होंगे। प्रिंट मीडिया में अब नए लेखकों को पैदा करने की ताकत नहीं बची है, लेकिन ब्‍लॉग उस अभाव को पूरा करेंगे। यहाँ तक की ब्‍लॉग साहित्यिक पत्रिकाओं का भी स्‍थान ले सकते हैं। रवीश हिंदी ब्‍लॉगिंग को लेकर काफी आशान्वित हैं, हालाँकि उसके खतरों पर भी निगाह रखते हैं

मोहल्‍ला, अजदक और अनामदास का पोथा रवीश के पसंदीदा ब्‍लॉग हैं। रवीश कहते हैं कि अभी तक हिंदी ब्‍लॉगिंग में अधिकांश निजी और संस्‍मरणात्‍मक चीजें ही लिखी जाती रही हैं, जबकि ऐकेडमिक बातों को भी यहाँ स्‍पेस मिलना चाहिए। इतिहास के गंभीर विषयों पर उम्‍दा लेखकीय सामग्री, तथ्‍य, विचार और घटनाएँ ब्‍लॉग में आने चाहिए। इससे ब्‍लॉग की व्‍यापक सामाजिक उपयोगिता बढ़ेगी और ज्ञान की उपलब्‍धता भी।

‘कस्‍ब’ के माध्‍यम से रवीश का सफर जारी है। एक ऐसा सफर, जिसने हिंदी ब्‍लॉगिंग को एक दिशा और सार्थकता प्रदान की है। ढेरों लोग इस सफर के सा‍थी हैं। कस्‍बे की बसाहट और चमक-दमक बढ़े, लोगों की आवाजाही बढ़े, ऐसी उम्‍मीद की जानी चाहिए।


ब्‍लॉग - कस्‍ब
URL - http://naisadak.blogspot.com/

गुरुवार, 19 अगस्त 2010

ग्लोबल होता राजस्थानी साफा

ग्लोबल होता राजस्थानी साफा

पगड़ी का इस्तेमाल हमारे देश में सदियों से होता आया है | प्राचीन काल से ही हमारे यहाँ पगड़ी को व्यक्तित्व,आन,बान,शान और हैसियत का प्रतीक माना जाता रहा है | पगड़ी हमारे देश में चाहे हिन्दू शासक रहें हों या मुस्लिम शासक सभी की प्रिय रही है | आज भी पगड़ी को इज्जत का परिचायक समझा जाता है | पगड़ी को किसी के आगे रख देना सर झुकाना व उसकी अधीनता समझना माना जाता है | महाराणा प्रताप ने वर्षों में जंगल में रहना पसंद किया पर अकबर के आगे अपनी पगड़ी न झुका कर मेवाड़ी पाग (पगड़ी )की हमेशा लाज रखी |
राजस्थान में हर वर्ग व जाति समुदाय अपनी अपनी शैली में सिर पर पगड़ी बांधते है ,राजपूत समुदाय में इसी पगड़ी को साफा कह कर पुकारा जाता है ,राजपूत समाज में साफों के अलग-अलग रंगों व बाँधने की अलग-अलग शैली का इस्तेमाल समय समय के अनुसार होता है जैसे - युद्ध के समय राजपूत सैनिक केसरिया साफा पहनते थे अत: केसरिया रंग का साफा युद्ध और शौर्य का प्रतीक बना | आम दिनों में राजपूत बुजुर्ग खाकी रंग का गोल साफा सिर पर बांधते थे तो विभिन्न समारोहों में पचरंगा,चुन्दडी,लहरिया आदि रंग बिरंगे साफों का उपयोग होता था | सफ़ेद रंग का साफा शोक का पर्याय माना जाता है इसलिए राजपूत समाज में सिर्फ शोकग्रस्त व्यक्ति ही सफ़ेद साफा पहनता है |
लेकिन पिछले कुछ सालों में आधुनिकता की दौड़ में राजस्थान की युवा पीढ़ी अपनी इस परम्परा से विमुख होती गयी और वो साफा बंधना भी भूल गयी पर धीरे धीरे वर्तमान पीढ़ी को अपनी गलती महसूस हुई पर जब तक बहुत देर हो चुकी थी गांवों में तो फिर कुछ लोग थे जिन्हें परम्परागत साफा बांधना आता था पर शहरों में तो शादी ब्याह के अवसर पर भी साफा बाँधने वालों को तलाश करना पड़ता था | इसी कमी को पूरा करने के लिए शहरों में साफा बाँधने वालों की मांग ने इसे व्यवसायिक बना दिया और इस व्यवसाय को सही दिशा दी जोधपुर के शेर सिंह राठौड़ ने |
शेर सिंह राठौड़ में राजस्थान की हर शैली में बंधे बंधाये साफे उपलब्ध कराने शुरू किये तो राजस्थान की वर्तमान पीढ़ी खास कर राजपूत समुदाय के युवाओं ने इसे हाथों हाथ लिया | राजपूत युवाओं के प्रेरणा श्रोत उच्च शिक्षित व बाड़मेर के पूर्व सांसद स्व.तन सिंह जी हमेशा खाकी साफा पहनते थे सार्वजानिक जीवन में खाकी साफा पहनने उनकी उस विरासत को पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व.कल्याण सिंह जी कालवी ने व उनके पुत्र करणी सेना के प्रधान व कांग्रेस नेता श्री लोकेन्द्र सिंह ने बरक़रार रखी |
आज शेर सिंह राठौड़ के प्रयासों से राजस्थानी साफे ने सिर्फ राजस्थान में ही अपना खोया गौरव प्राप्त नहीं किया बल्कि विदेशों में भी लोकप्रियता हासिल कर ग्लोबल होने की राह पर अग्रसर है |
आईये अब मिलते है राजस्थानी साफों को ग्लोबल गौरव दिलाने वाले इस शख्स व उसके पुत्र से :
1जनवरी 1964 को जोधपुर जिले की बिलाडा तहसील के रूपनगर गांव में भंवर सिंह राठौड़ के घर जन्मे शेर सिंह राठौड़ जोधपुर रहकर सामाजिक गतिविधियों में सक्रीय रहते है ये सामाजिक गतिविधियाँ ही साफा बांधने में महारत हासिल करने की कारण बनी |
जोधपुर में शादी विवाहों में धनि लोग अच्छे पैसे खर्च कर साफे बंधवाते थे पर आम आदमी अपना ये शौक कैसे पूरा करे यही चिंता कर शेर सिंह राठौड़ ने संकल्प लिया कि वो आम आदमी के लिए बंधा-बंधाया साफा उपलब्ध कराएँगे और इसी जूनून के चलते उन्होंने साफों का व्यवसाय किया और वे सफल हुए आज उनके उनके द्वारा बांध कर बेचे गए गए शेर शाही साफों के नाम से प्रसिद्ध है |
आज शेर सिंह राठौड़ जोधपुर साफा हाउस के नाम से जोधपुर की पावटा रोड पर मानजी का हत्था के पास अपना साफा का व्यवसाय चालते है साथ ही साफों को राष्ट्रिय व अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के ब्लॉग जगतफेसबुक पर भी मौजूद है |साफों के बारे में किसी भी तरह की जानकारी के लिए उनसे इस पते पर संपर्क किया जा सकता है -
जोधपुरी साफा हाउस
24 ,मान जी का हथा,
पावटा `बी` रोड ,जोधपुर (राज.)
फ़ोन नंबर : 94142 -01191 / 9314712932
0291-2541187
Email : jodhpurisafahouse@gmail.com

बेशक राजस्थान में समाज की नई पीढ़ी कार्पोरेट व वेस्टर्न कल्चर में ढूब अपना परम्परागत साफा बांधना भूल गयी हो पर शेर सिंह का १८ वर्षीय पुत्र अजीतपाल सिंह एक घंटे में बिना थके १०० से ज्यादा साफे बांध सकता है | एक साफा बाँधने में उसे मुस्किल से ३० से ४० सैकिंड लगते है और उसे विभिन शैलियों के १५ तरीकों के साफे बाँधने में महारत हासिल है |
अजीतपाल देश के बड़े-बड़े शादी समारोहों में साफा बाँधने के के लिए शामिल होने के साथ ही साफा बाँधने के लिए मारीशस,मलेशिया व सिंगापूर की यात्राएं भी कर चूका है | सिंगापूर के शादी समारोह में बारातियों के लिए उसने मात्र डेढ़ घंटे में १२५ साफे बाँध कर वहां उपस्थित सभी मेहमानों को आश्चर्यचकित कर दिया था |
१५ अलग-अलग शैलियों में साफा बाँधने वाले अजीतपाल को सबसे ज्यादा मजा मारवाड़ी शैली में साफा बांधने में आता है जिसे वह कुछ सैकिंड़ो में बांध देता है |

शुक्रवार, 23 जुलाई 2010

रुलाता ही नहीं, सेहत भी बनाता है प्याज

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। प्याज का इस्तेमाल लगभग हर भारतीय घर में होता है। बहुत से लोगों को प्याज का नाम लेते ही, आंखों में आंसू याद आते हैं। लेकिन यह प्याज का सिर्फ एक पक्ष है।

प्याज स्वाद के लिए ही नहीं, सेहत के लिए भी उपयोगी है। प्याज में विटामिन ए, बी और सी होता है। यह फोलिक एसिड, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, क्रोमियम, आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत है।

जानिए प्याज के गुण :

-गठिया रोग में प्याज के रस में जरा सा राई का तेल मिलाकर मालिश करें, लाभ होगा।

-चेहरे पर मुंहासे हों, तो प्याज का रस पीसकर लगाएं। झांई हो, तो प्याज का बीज पीसकर लगाएं।

-मच्छरों को भगाने के लिए बिस्तर पर प्याज के रस की दो-चार बूंदें छिड़क दें। मच्छर तुरंत भाग जाएंगे।

-जले हुए स्थान पर प्याज को कुचलकर लगाएं। तत्काल आराम मिलेगा।

-कुत्ते के काटने पर प्याज पीसकर लगा दें और प्याज का रस भी पिला दें। खतरा कम होगा।

-जुकाम होने पर कुछ घंटों के अंतराल पर प्याज को सूंघें। आराम मिलेगा।

-गर्मियों में नाक से खून आने की शिकायत हो, तो प्याज को सूंघने से राहत मिलेगी।

-अधिक पसीना आता हो, तो सलाद में कच्चा प्याज प्रतिदिन खाएं।

-प्याज को काटकर पानी में उबालें और उस पानी को ठंडा करके उससे सिर धोएं, बालों में मजबूती के साथ चमक आएगी।

-चोट लगने या छिल जाने पर प्याज का पेस्ट लगाएं। आराम मिलेगा।

फैशन

कुर्ती है एवरग्रीन फैशन
ND
मौसम कोई भी हो हमें अपने आउटफि‍ट्स पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है। बारि‍श भले ही शुरू हो गई हो लेकि‍न गर्मी का मौसम अभी भी अपना एहसास कराता रहता है। खासकर युवतियों को तो गर्मी के मौसम में इस बात का ध्यान भी रखना पड़ता है कि ड्रेस ऐसा न हो कि पसीने आने से सारी मेहनत पर ही पानी फिर जाए और मेकअप ही खराब हो जाए। इस सबका एक ही समाधान है और वह है कॉटन।

कॉटन के परिधान जहाँ पहनने में आरामदायक हैं, वहीं उमस भरी गर्मी में शीतलता भी प्रदान करते हैं। यही कारण है कि इन दिनों कॉटन की कुर्ती चलन में है। गर्मी से बचने के लिए युवतियाँ कॉटन की कुर्ती पहन रही हैं। इन दिनों जींस एवं लैगिंग के साथ कॉटन की कुर्ती काफी लोकप्रिय है।

यही कारण है कि मॉर्केट में कुर्ती विभिन्न रंगों एवं डिजाइनों में उपलब्ध है। एंब्रायडरी से लेकर लेस, नेट बीड्स आदि के वर्क ने इन्हें और भी ज्यादा आकर्षक बना दिया है। यही कारण है कि कॉलेज गोइंग युवतियों की नहीं बल्कि जॉब करने वाली युवतियाँ की भी ये कुर्ती पहली पसंद बन चुकी है।

अगर रंगों की बात की जाये तो लाल, गुलाबी, लेमन और सफेद रंग की कुर्ती ज्यादा पसन्द की जा रही है। मार्केट में इनकी कीमत 150 रुपए से लेकर एक हजार रुपए तक की रेंज में है। तुराबनगर स्थित जगदम्बा कलैक्शन के संचालक निखिल कुमार बताते हैं कि इन कुर्तियों की इन दिनों इस कदर डिमांड हैं कि रोजाना उनकी दुकान से साठ से सत्तर कुर्तियाँ बिक जाती हैं।

उनका कहना है कि युवतियों को प्रिंटेड कुर्ती की अपेक्षा कढ़ाई की कुर्तियाँ अधिक भा रही हैं। रंगों में लाल, गुलाबी व सफेद अधिक पसंद किया जा रहा है। कुर्ती की खरीदारी कर रही पिंकी भारद्वाज ने कहा कि कॉटन की कुर्ती आरामदायक होने के साथ-साथ फैशनेबल भी है। वह तो हर रविवार को मार्केट में कुर्ती की खरीदारी करने के लिए आती हैं और दो-तीन कुर्ती खरीद ही लेती हैं।
लड़कों की भी पसंद स्लीवलेस
ND
आजकल के लड़के-लड़कियाँ एक-दूसरे को जमकर कॉपी करते हैं। बात चाहे हेयर स्टाइल की हो या कपड़ों की सभी चीजों को ये समय-समय पर कॉपी करते रहते हैं। आजकल लड़कों को लड़कियों की तरह स्लीवलेस टीशर्ट्स पहनने का शौक चढ़ा है। हर जगह आजकल आपको स्लीवलेस टीशर्ट पहने लड़के दिख जाएँगे।

लड़कों के अपनाने और उनके बीच बढ़ती माँग से सभी बाजार में स्लीवलेस टीशर्ट्स छा गया है। बात चाहे फुटपाथ की हो या बड़े-बड़े नामी गिरामी कंपनियों के शो रुम की हर जगह लड़कों में स्लीवलेस टीशर्ट छाई हुई हैं। सभी ब्रांडेड कंपनियों ने लड़कों की माँग को देखते हुए स्लीवलेस टीशर्ट की नई रेंज बाजार में उतारी है।

बाजार में कई रंगों में आकर्षक डिजाइन के स्लीवलेस टीशर्ट मिल रहे हैं। कैप के साथ, विदाउट कैप, फुटबॉल, क्रिकेट खिलाड़ियों के लकी नम्बर, नाम, फोटो और स्लोगन वाले स्लीवलेस टीशर्ट बाजार में युवाओं को खूब आकर्षित कर रहे हैं।

स्लीवलेस टीशर्ट्स की बढ़ती माँग की सबसे बड़ी वजह है इसका आरामदायक होना और दूसरी बात मॉनसून। इसे पहनकर रिमझिम बारिश का जमकर मजा ले रहे हैं हमारे युवा। पालिका बाजार में स्लीवलेस टीशर्ट खरीद रहे युवा आदित्या ने बताया कि उसे स्लीवलेस टीशर्ट बहुत पसंद है क्योंकि यह उसे माचो मैन का लुक देती है और लड़कियाँ उनकी तरफ ज्यादा आकर्षित होती हैं।

वहीं स्लीवलेस टीशर्ट पहने बिंदास युवा उत्कल का कहना था कि अपने डोले-शोले को दिखाने के लिए स्लीवलेस से अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता है उसने बताया कि स्लीवलेस टीशर्ट आरामदायक भी हैं और यह हॉट लुक भी देती हैं और वैसे भी मॉनसून में बारिश का मजा तो स्लीवलेस में ही आता है।

लड़कों को हॉट लुक देने वाली स्लीवलेस टीशर्ट्स पालिका, सरोजनी नगर, जनपथ बाजार में 85 रुपए से 200 रुपए के बीच मिल रही हैं, वहीं ब्रांडेड स्लीवलेस 300 से 400 रुपए में आपको मिल जाएँगी। अगर अभी तक आपने स्लीवलेस नहीं खरीदा है तो देर मत करें एक बार इन बाजारों की तरफ रुख करें और ले जाएँ स्लीवलेस टीशर्ट आखिर बारिश का असली मजा तो इसी में आएगा।
नाखून बोलेंगे सुंदरता की भाषा
- प्रेरणा शर्मा
ND

खूबसूरत दिखने के लिए सिर्फ चेहरे पर ही ध्यान देना काफी नहीं है बल्कि चेहरे के साथ-साथ हाथ और पाँव के नाखूनों पर भी बराबर ध्यान दिया जाना चाहिए। हर महिला और युवती यही चाहती है कि वह खूबसूरती के मामले में किसी से भी कम न रहे।

इसी को लेकर आज बाजार में भी अनेक ऐसे उत्पाद और एसेसरीज उतार दी गई हैं जिन्हें महिलाएँ पार्टी या अन्य किसी भी समारोह में पहनकर सबसे अलग दिख सकती हैं। इन एसेसरीज में गहनों के अलावा रंगीन बालों की लड़ियाँ तो पहले से ही चलन में है अब नाखून एक्सटेंशन भी इसमें शामिल हो गए हैं।

साइबर सिटी गुड़गाँव के सेक्टर 15 में स्थित ग्रेस एंड ग्लैमर पार्लर में इन दिनों नाखूनों को लेकर नेल एक्सटेंशन वर्कशाप चल रही हैं जिसमें महिलाओं व युवतियों की लंबी लाइन लगी रहती है। 10 दिन तक चलने वाली इस वर्कशाप में बड़ी ही बारीकी से नाखूनों पर कारीगरी की जा रही है।

ND
अपने नाखूनों पर अलग-अलग डिजायन बनवाकर महिलाएँ खूबसूरती में एक कदम और आगे बढ़ रही हैं। नेल एक्सटेंशन करा रही शिल्पा के मुताबिक उन्हें यह आर्ट बहुत अच्छी लगी है।

पहले जहाँ वे नेल्स को खूबसूरत दिखाने के लिए सिर्फ नेल पॉलिश के सहारे थीं अब इस नेल आर्ट ने उनके लिए नए विकल्प खोल दिए हैं। महिमा ने कहा कि जिस तरह से नेल्स पर डिजाइन बनाए जा रहे हैं उससे उन्हें यह फायदा है कि ये नेल कई-कई दिनों तक ऐसे ही रहते हैं। पानी में भीगने के बाद भी इनपर कोई असर नहीं पड़ता और न ही इनका रंग फीका पड़ता है।

इस बारे में ग्रेस एंड ग्लैमर की प्रिया का कहना है कि नेल एक्सटेंशन कराने वालों में सबसे ज्यादा संख्या कॉलेज की लड़कियों की है जो फैशन की दौड़ में अपने को पीछे नहीं रखना चाहती। वहीं नौकरी करने वाली और घरेलू महिलाएँ भी उनके यहाँ नेल एक्सटेंशन करवाने आ रही हैं।

विशेष प्रकार की जेल से नेल्स से को चिपकाया जाता है जो कि कई-कई दिनों तक चल जाते हैं। नेल एक्सटेंशन एक्सपर्ट रेणू ने बताया कि नेल एक्सटेंशन कराते समय प्रोडक्ट की क्वालिटी को ध्यान में रखना चाहिए। जिन्हें नेल आर्ट और एक्सटेंशन की पूरी जानकारी हो उसी से ही यह काम करवाएँ। कई बार अनट्रेंड से नेल एक्सटेंशन करवाना नुकसानदायक हो जाता है।

रविवार, 14 फ़रवरी 2010

ब्लॉग पर दुकानदारी और पेपल खाते

ज्ञान दर्पण पर पिछली पोस्ट “अब ब्लोगिंग के साथ करें कमाई भी !” पर भी एक ब्लोगर मित्र ने टिप्पणी के माध्यम से प्रश्न किया कि क्या हम गूगल के ब्लॉग पर भी एसा कर सकते है ? दरअसल यह पिछली पोस्ट ई स्टोर बनाकर उसका कोड ब्लॉग में इस्तेमाल कर उत्पाद बेचने के तरीके पर थी |
लेकिन आज चर्चा करते है कि क्या हम कैसे अपने ब्लॉग पर कोई सामान या सेवा बेचकर उसका सीधा भुगतान प्राप्त कर सकते है |
यदि आप अपने ब्लॉग पर कोई सेवा या उत्पाद बेचना चाहते है तो यह बहुत आसान है आईये समझते है इसके लिए जरुरी बाते चरणबद्ध तरीके से -

A- सबसे पहले paypal.com पर अपना खाता खोले | पेपल.कॉम आपको अपनी वेब साईट या ब्लॉग पर आपके ग्राहक से सीधे क्रेडिट कार्ड से भुगतान प्राप्त करने की सुविधा देता है | जिसके बदले पेपल .कॉम आपके लेनदेन पर कुछ प्रतिशत सेवा शुल्क वसूल करता है | पेपल में आया पैसा आप अपने बैंक खाते में मंगवा सकते है |

B- पेपल में आपका खाता बनने के बाद पेपल आपके क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते से कुछ थोड़ी सी रकम निकालकर वापस कर देता है | आपको अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड विवरण से इस लेनदेन की प्रविष्टि का नंबर अपने पेपल खाते में लिखकर वेरीफाई करना होता है | यह कार्य पेपल आपका खाता जांचने के लिए करता है |

C - अपने ब्लॉग पर अपनी सेवा या उत्पाद की जानकारी देते हुए एक पोस्ट लिखिए और उस पोस्ट में पेपल से एक बटन ( Buy Now, Add To cart ) का कोड प्राप्त कर लगा दीजिए ताकि आपकी सेवा या उत्पाद खरीदने वाला ग्राहक उस बटन पर चटका लगाकर आपको भुगतान कर सके |

पेपल से बटन का कोड प्राप्त करने का तरीका
- सबसे पहले अपने पेपल खाते में लोग इन करें

- अब product & services पर क्लिक करें उसके बाद web site payment standard -- create a payment button पर क्लिक करें

paypal1

१- अब सबसे पहले प्रोडक्ट या सेवा आदि में से एक चुने जो आप बेच रहे है |

२- Add to Cart या Buy Now में से जो बटन आप लगाना चाहे चुने |
३- अपने उत्पाद , सेवा का नाम और उसका कोई आई . डी नंबर लिखे |
४- अपने उत्पाद या सेवा की कीमत लिखे |
५- यदि आपको उत्पाद कोरियर आदि से भेजना है तो उसका होने वाला खर्चा लिखे |
६- यदि आपके उत्पाद या सेवा पर कोई कर लगता है तो वह भी लिखे |
७- अब क्रियेट बटन पर चटका लगा दें |

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क्रियेट बटन पर चटका लगाते ही एक विंडो खुलेगी जिसमे आपके बटन का कोड होगा जो कॉपी करके अपने ब्लॉग पोस्ट में अपने उत्पाद या सेवा के साथ लगादे |

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इस तरह हो गया आपका ब्लॉग आपका ई स्टोर |

उदहारण के तौर पर देखिये इस ताऊ टिप्पणी खेंचू ताबीज के बटन को |

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डिस्क्लेमर- उपरोक्त ताबीज का स्टॉक उपलब्ध नहीं है इसे सिर्फ डेमो के लिए लगाया है कृपया इसे खरीदने के लिए कोई भुगतान ना करें |

सोमवार, 11 जनवरी 2010

वेब होस्टिंग बिलिंग टूल सोफ्टवेयर


पिछले लेख में हमने चर्चा की थी वेब होस्टिंग का ऑनलाइन व्यवसाय शुरू करने पर | इस ऑनलाइन व्यवसाय को शुरू करने के लिए जो वेब साईट बनायीं जाती है उसका सबसे महत्वपूर्ण भाग होता है उस वेब साईट का ग्राहक क्षेत्र ( client area ) | आइये आज इसी पर चर्चा करते है यह बिना जानकारी के कैसे बनाया जाय -
दरअसल इन्टरनेट पर इस काम के लिए ढेरों सोफ्टवेयर भुगतान पर व मुफ्त उपलब्ध है जिन्हें सम्बंधित वेब साईट से खरीदकर अपनी वेब साईट में जोड़कर इस्तेमाल किया जा सकता है सबसे पहले चर्चा करते है इन सोफ्टवेयर के कार्य पर जिससे इनकी महत्ता इस कार्य में सबसे ज्यादा है |
१- ये सोफ्टवेयर आपके ग्राहकों को आपके होस्टिंग प्लान चुनने , डोमेन नेम चुनने आदि की सुविधा देते है |
२- जो ग्राहक आपके होस्टिंग प्लान खरीदता है उसका खाता बनाकर पूरा रिकार्ड रखते है जिसका आप सहित आपका ग्राहक अपने खाते को प्रबंधित कर सकता है |
३- आपके द्वारा ग्राहक का आदेश स्वीकार करने का इ मेल भेजना , बिल बनाने व ई मेल से ग्राहक को भेजना , यदि भुगतान बाकि है तो उसका तकादा मेल भेजना , डोमेन के नवीनीकरण की अग्रिम सूचना मेल भेजना आदि सभी काम ये सोफ्टवेयर स्वचालित तरीके से कर देते |
४- इन सोफ्टवेयर में लगभग सभी भुगतान प्राप्त करने वाले गेटवे से जुड़ने के मोड्यूल उपलब्ध होते है जिनके द्वारा आप अपने ग्राहकों से अपनी सेवाओं का भुगतान प्राप्त कर सकते है |
५- इनमे सभी डोमेन रजिस्ट्रार से जुड़ने वाले मोड्यूल उपलब्ध होते है आपके द्वारा चुने हुए डोमेन रजिस्ट्रार से ये सोफ्टवेयर आपके ग्राहकों के लिए उनके द्वारा चयनित डोमेन स्वचालित तरीके से रजिस्टर कर देते है |
६- आपके ग्राहकों को आपसे किसी भी तरह की सहायता के लिए सहायता टिकट बनाने की सुविधा से लेस होते है |
७- इन सोफ्टवेयर में आप अपने होस्टिंग प्लान , डोमेन रजिस्टर शुल्क आदि सभी अपने हिसाब से तय कर सकते है |
८- यही नहीं ये सोफ्टवेयर आपकी होस्टिंग कम्पनी का पूरा हिसाब किताब भी रखते है |

इन्टरनेट पर उपलब्ध होस्टिंग बिलिंग सोफ्टवेयर
* ClientExec (website)
* iHost (website)
* iPanel (website)
* iScripts AutoHoster (website)
* LPanel (website)
* NixBill Automation (website)
* phpCoin (website)
* Ubersmith (website)
* WHMAP - WHM AutoPilot (website)
* Whois.Cart (website)
* BILLmanager (website)
* AccountLab Plus (website)
* AWBS (website)
* Blesta (website)
* DHCart (website)
* MachPanel - (website)
* PawBill -(website)
* Freelancer Panel (website)
* ModernBill (website)
* WHMCS (website)
इनके अलावा भी अंतरजाल पर ऐसे ढेरों सोफ्टवेयर मौजूद है whmcs इनमे सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला सोफ्टवेयर है जो http://licensepal.com/ से $200/-में ख़रीदा जा सकता है इसके अलावा ओपन सोर्स के फ्री में मिलने वाले phpcoin , AccountLab Plus , HostingTool आदि भी लोगों द्वारा बहुत पसंद किये जाते है |अन्तरजाल पर उपलब्ध होस्टिंग बिलिंग टूल के ढेरों सोफ्टवेयर यहाँ से डाउनलोड किये जा सकते है या जानकारी ली जा सकती है |

इन सोफ्टवेयर में निम्न लिखित पेमेंट गेटवे से भी जुड़ने के मोड्यूल भी उपलब्ध है

* 2Checkout
* AlertPay
* Authorize.net
* BluePay
* E-Gold
* GoogleCheckout
* LinkPoint
* MoneyBookers
* NoChex
* Payflow Pro
* PayPal
* PayPal Website Payments Pro
* Protx
* PSIGate
* WorldPay
इन सोफ्टवेयर में निम्न लिखित सर्वर्स से जुड़ने के मोड्यूल भी उपलब्ध है
* cPanel / WHM (website)
* DirectAdmin (website)
* Helm (website)
* Interworx (website)
* Plesk (website)
* ISPmanager (website)

इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी व व्यक्तिगत सलाह के लिए shekhawatrs@ymail.com पर संपर्क किया जा सकता है




आज के युग का अमृत है एलो वेरा जेल
ताऊ डॉट इन: ताऊ पहेली - 56

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वेब होस्टिंग व्यवसाय कैसे शुरू करें ?


इन्टरनेट की दुनिया में वेब साइट्स की बढती संख्या को देखते हुए वेब होस्टिंग व्यवसाय का भविष्य बहुत सुनहरा दिखाई देता है | साथ ही इस व्यवसाय को शुरू करने में लागत भी बहुत कम आती है लेकिन इसे शुरू कैसे किया जाय ?आईये आज इसी पर चरणबद्ध चर्चा करते है -
१- सबसे पहले अपनी वेब होस्टिंग वेब साईट के लिए एक बढ़िया सा डोमेन चुने |
२- ऐसी रीसेलर वेब साईट खोजे जो सस्ते दामों में रीसेलर होस्टिंग पैकेज उपलब्ध कराती हो | इसके लिए आप way4host या dewlance जैसी वेब साइट्स से भी सस्ते में रीसेलर वेब होस्टिंग प्लान खरीद सकते है या फिर अपनी पसंद की अन्य रीसेलर वेब होस्टिंग प्रदाता वेब साईट से |
३- यदि आपकी अंग्रेजी भाषा पर पकड़ कमजोर है तो रीसेलर प्रदाता कोई भारतीय ही चुने ताकि कभी किसी तरह का संवाद करने में कोई दिक्कत ना हो |
४- Paypal में अपना एक खाता खोलें ताकि आप अपने ग्राहकों से ऑनलाइन भुगतान प्राप्त कर सके पेपल में खाता बिना किसी तरह का कोई शुल्क दिए खोला जा सकता है | इसके लिए आपके पास एक अदद क्रेडिट कार्ड का होना जरुरी है |
५- अपनी चुनी हुई रीसेलर सेवा प्रदाता वेब साईट से रीसेलर होस्टिंग प्लान खरीदने के बाद आपका रीसेलर आपको एक कंट्रोल पेनल देगा ये कंट्रोल पेनल whm , Plesk , Dotnet या अन्य जो भी आपने प्लान चुनते हुए लिया था हो सकता है जिसके माध्यम से आप अपने ग्राहकों को जो आपसे वेब होस्टिंग खरीदेंगे के खाते बना सकते है |
* ऐसे ही रीसेलर कंट्रोल WHM का डेमो आप यहाँ क्लिक कर देख सकते है :- यूजर नेम- demo पासवर्ड -demo
६- आपका रीसेलर आपको एक और कंट्रोल पेनल देगा जहाँ आपको अपनी वेब साईट रखनी है यह कंट्रोल पेनल भी cpanel , plesk .dotnet या जो भी आपने चुना हो हो सकता है | way4hostdewlance द्वारा उपलब्ध कराये जाने वाले cpanel का डेमो आप यहाँ क्लिक कर देख सकते है | यूजर नेम -demo पासवर्ड-demo से लोगिनकरें |
७- अब आपको अपनी वेब होस्टिंग वेब साईट बनानी है जिसमे आपको अपने बारे में ,अपनी साईट के बारे में , अपने विभिन्न होस्टिंग प्लान , आपके द्वारा दी जाने वाली अन्य सेवाओं व अपने नियम व शर्ते आदि का ब्यौरा देना होता है |
* अपनी वेब साईट बनाने के लिए आप ड्रीम विवर , पेज मेकर , पब्लिशर , नामो वेब एडिटर आदि सोफ्टवेयरस का इस्तेमाल कर सकते है |
* यदि आप अपनी वेब साईट का बढ़िया टेम्पलेट बना पाने में असमर्थ है तो इन्टरनेट पर उपलब्ध टेम्पलेट फ्री या खरीदकर डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते है |
* आप अपनी वेब साईट किसी अन्य वेब डिजाईनियर से भी बनवा सकते है |
८- अपनी वेब साईट बनाते समय ही इसका सबसे महत्त्वपूर्ण भाग है आपकी वेब साईट का client area जहाँ आपके ग्राहकों के खातों का पूरा ब्यौरा रहेगा इसके लिए इन्टरनेट पर ढेरों सोफ्टवेयर उपलब्ध है जिन्हें खरीदकर या ओपन सोर्स के फ्री में मिलने वाले सोफ्टवेयर डाउनलोड कर अपनी वेब साईट पर इस्तेमाल किये जा सकते है | ये सोफ्टवेयर आपके ग्राहकों का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन रखते है साथ ही बिल बनाना , बिल ई मेल से ग्राहकों को भेजना , भुगतान प्राप्त करना , भुगतान के लिए तकादा करना , ग्राहक को उसके डोमेन की मियाद ख़त्म होने से पहले सूचना भेजना आदि ढेरों कार्य स्वचालित तरीके से करते है | इनमे whmcs , phpcoin , accountleb plus , hosting tool आदि प्रमुख है जिनके बारे विस्तार से जानकारी अगले लेख में दी जाएगी |
९- अपनी वेब साईट बनने के बाद किसी भी डोमेन रजिस्ट्रार वेब साईट में अपना खाता बना लें जहाँ से आपको अपने ग्राहकों के लिए डोमेन रजिस्टर करने है | डोमेन रजिस्ट्रार के यहाँ खाता खोलने के बाद आप अपने ग्राहकों के लिए मेनुवल ही डोमेन रजिस्टर कर सकते है या स्वचालित रजिस्टर करने के लिए अपने चुनिन्दा डोमेन रजिस्ट्रार को अपने होस्टिंग बिलिंग सोफ्टवेयर में भी जोड़ सकते है |
उपरोक्त सभी चरण पुरे करने के बाद आप बिना अपने वेब सर्वर लगाये ,बिना ज्यादा तकनीकी ज्ञान हासिल किये वेब होस्टिंग का व्यवसाय शुरू कर सकते है |

इस लेख को पढ़कर यदि आप वेब साईट होस्टिंग का व्यवसाय शुरू कर रहे है तो ज्ञान दर्पण के विशेष आग्रह पर रीसेलर वेब होस्टिंग सेवा प्रदाता वेब साइट्स way4hostdewlance ने विशेष डिस्काउंट कूपन जारी किये है जिनके माध्यम से आपको इन दोनों वेब साइट्स के किसी भी सालाना रीसेलर होस्टिंग प्लान को खरीदते समय १३.००$ का डिस्काउंट मिलेगा |
डिस्काउंट कूपन के कोड निम्न है -
Wayhost.com - coupon code : gyandarpan-v1
dewlance.com - coupon code:vReseller
way4host के रीसेलर होस्टिंग प्लान आप यहाँ क्लिक कर देख व खरीद सकते है
Dewlance के रीसेलर होस्टिंग प्लान आप यहाँ क्लिक कर देख व खरीद सकते है


वेब होस्टिंग बिलिंग सोफ्टवेयर्स की विस्तृत जानकारी अगले लेख में




"राज ब्लागर के पिछले जन्म के : “ताऊ ने रिकार्डींग से मना किया”
मत पूछै के ठाठ भायला
Update your templates - इस संदेश का क्या मतलब है?
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वेब होस्टिंग व्यवसाय


संचार के बढ़ते साधनों के साथ साथ इन्टरनेट का भी तेजी से प्रसार हो रहा है आज गांवों तक में इंटरनेट दस्तक दे चुकी है | इन्टरनेट के बढ़ते प्रसार को देख हर व्यवसायिक प्रतिष्ठान अपनी वेब साईट बनाकर इन्टरनेट पर अपनी उपस्थिति चाहता है | किसी भी उत्पाद के प्रचार प्रसार के लिए आजकल ज्यादातर उत्पादक इन्टरनेट पर विज्ञापनों का सहारा ले रहे है | व्यासायिक प्रतिष्ठानों के साथ साथ लोगों में अपनी अपनी वेब साईट बनाने का रुझान भी बढ़ता जा रहा | इन्टरनेट पर उपलब्ध फ्री ओपन सोर्स वेब स्क्रिप्ट , फोरम स्क्रिप्ट , ब्लोगिंग स्क्रिप्ट , ई कामर्स वेब स्क्रिप्ट व वेब साईट बनाने वाले ऑनलाइन व ऑफलाइन सोफ्टवेयर्स ने वेब साईट बनाना आसान व सस्ता कर दिया है जिससे वेब साईट्स बनाने के कार्य को और गति मिली है |
जिस तरह से इन्टरनेट पर अपनी अपनी वेब साईट बनाने का रुझान बढ़ा है उसी अनुरूप वेब होस्टिंग सेवा प्रदाताओं का व्यवसाय भी बढ़ा है और आगे भी इसके बढ़ते रहने के भरपूर अवसर है | आज इन्टरनेट पर हजारों वेब साइट्स है जो वेब होस्टिंग का अच्छा व्यवसाय कर रही है |
यह वेब होस्टिंग का व्यवसाय करना कम लागत वाला बहुत आसान है आईये आज इसे कैसे शुरू किया जा सकता है उसके तरीकों पर चर्चा करते है |
१- अपने वेब सर्वर लगाकर - यह तरीका बहुत महंगा है साथ ही इसके लिए पूरी तकनीकी जानकारी की आवश्यकता होती है |
२- वेब सर्वर किराये पर लेकर - ज्यादातर वेब होस्टिंग सेवा प्रदाता इसी तरीके को इस्तेमाल करते है पर इसमें में भी सर्वर का प्रबंधन करने जितनी तकनीकी दक्षता हो होनी ही चाहिए |
३- रीसेलर वेब होस्ट बनकर - यह तरीका सबसे आसान व कम लागत वाला है | इन्टरनेट पर ऐसी बहुत सी वेब साइट्स है जो नया वेब होस्टिंग व्यवसाय शुरू करने वालों को सालाना या मासिक कुछ धन लेकर रीसेलर वेब होस्टिंग की सुविधा देती है |
ऐसी वेब साइट्स से अपनी जरुरत के हिसाब से रीसेलर प्लान खरीदकर आसानी से अपना वेब होस्टिंग व्यवसाय शुरू किया जा सकता है जिसमे तकनीकी ज्ञान की भी ज्यादा आवश्कता नहीं है | way4hostdewlance ऐसी ही रीसेलर सेवा प्रदाता वेब साइट्स है जो नया वेब होस्टिंग व्यवसाय शुरू करने वालों को बहुत सस्ते में रीसेलर पैकज उपलब्ध कराती है | जिनसे सस्ते रीसेलर प्लान लेकर कोई भी बड़ी आसानी व कम लागत (सिर्फ १६००रु. सालाना खर्च ) में वेब होस्टिंग व्यवसाय शुरू कर सकता है |
वेब होस्टिंग व्यवसाय शुरू कैसे किया जाय इसकी चरणबद्ध जानकारी अगली लेख में ...